Karmanye Vadhikaraste Ma Phaleshu Kadachana Meaning In Hindi

Karmanye Vadhikaraste Ma Phaleshu Kadachana Meaning In Hindi

Karmanye Vadhikaraste Ma Phaleshu Kadachana Meaning In Hindi – “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” भगवद गीता का एक महत्वपूर्ण श्लोक है। 

“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” भगवद गीता का एक महत्वपूर्ण श्लोक है। इसका अर्थ है, “तुम्हारा कर्तव्य करने में ही है, परंतु फल की आकांक्षा मत करो।” यह श्लोक जीवन में निर्धारित क्रियाओं को निष्कर्ष से आचरण करने का मार्गदर्शन करता है और सिद्धार्थ करने का महत्व बताता है, चाहे फल हो या न हो। इसे अपनाकर व्यक्ति संतुलित और शांत जीवन जी सकता है।

Karmanye Vadhikaraste Ma Phaleshu Kadachana Meaning In English

“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” is a significant verse from the Bhagavad Gita. It means, “You have the right to perform your prescribed duties, but you are not entitled to the fruits of your actions.” This verse guides one to diligently perform their duties in life without attachment to the outcomes.

Similar Words

  • Duty-focused life – कर्तव्य प्रमुख जीवन
  • Action-oriented philosophy – क्रियाशील सिद्धांत
  • Commitment to deeds, not results – प्रतिबद्धता क्रियाओं में, परिणामों में नहीं
  • Service without attachment – संबंधितता के बिना सेवा
  • Detached engagement – अलगाववादी व्यवहार
  • Dedicated action, indifferent to outcomes – परिणामों के प्रति उदासीन समर्पित क्रिया
  • Selfless work ethic – निष्काम कर्म नीति
  • Non-attachment to fruits of labor – प्रयास के परिणामों से असंबंधित
  • Focus on responsibility, not rewards – जिम्मेदारी पर, पुरस्कार पर नहीं
  • Performing duties with equanimity – उदारता के साथ कर्तव्यों का पालन

Sentence Examples

  • In life, follow the principle of “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” for inner contentment.
    • जीवन में, अंतर्निहित संतोष के लिए “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” का सिद्धांत अपनाएं।
  • By understanding the essence of “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन,” one can achieve mental tranquility.
    • “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” की सार्थकता को समझकर, व्यक्ति मानसिक शांति प्राप्त कर सकता है।
  • Implementing “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” fosters a sense of purpose in daily actions.
    • “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” का पालन करना दैहिक क्रियाओं में एक उद्देश्य की भावना बढ़ाता है।
  • Embracing the philosophy of “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” reduces stress and anxiety.
    • “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” के सिद्धांत को अपनाने से तनाव और चिंता कम होती है।
  • The practice of “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” leads to a balanced and fulfilling life.
    • “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” के अभ्यास से एक संतुलित और संपूर्ण जीवन की दिशा में आगे बढ़ाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *